Wednesday, September 4, 2013

व्यंग कविता

हुआ था जन्म जब तेरा, रखा था नाम हिंदी में
सुलाया माँ ने हिंदी में, जगाया माँ ने हिंदी में

देश का नाम में हिंदी, लिखा संविधान हिंदी में
इसके इतिहास में हिंदी, गीता सार हिंदी में
हिंद के हैं निवासी हम, धर्म के नाम हिंदी में
राजभाषा अपनी हिंदी, सरकारी काम हिंदी में

देश का गान हिंदी में, देश का गीत हिंदी में
ये दोहे सूर-तुलसी के, सौरठा छंद हिंदी में
सुरों के साज में हिंदी, विरह के राग हिंदी में
गद्य की लाज हिंदी में, कविता पाठ हिंदी में

अगर दुश्मन बने कोई, तो समझा देंगे हिंदी में
अगर कोई फिरंगी हो, बना दो मुर्ख हिंदी में

न होते काज हिंदी में, चल रहा राज अंग्रेजी
लेजी बन गए क्रेजी , बने जब स्कूल अंग्रेजी
सजा मिल जायेगी तुमको, अगर बोलोगे हिंदी में

मदर को मोम कहते हम, पिता को डैड कर डाला
सीख ली फ्रेंच और जर्मन, हो गए फ़ैल हिंदी में
हमारे मुहं पे अंग्रेजी, दिल में शब्द हिंदी में
नहीं अपमान इंग्लिश का, करो सम्मान हिंदी में

भाषा कोई भी चाहे, कभी वो गलत नहीं होती
हमारे मुंह से निकली बात हमेशा सही नहीं होती
पहले सोचो तभी बोलो, यही मैं बात कहता हूँ
हमेशा याद रखना तुम, हम पहलवान हिंदी में
हमारी ताकत हिंदी में, हमारी जान हिंदी में........

 शिशुपाल सिंह 

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