Wednesday, August 7, 2013

मित्रता

अभी-अभी हमने मित्रता –दिवस मनाया है |हमने इस दिवस को मात्र एक फ्रेंडशिप -बैण्ड बाँधने का दिवस बना दिया है |क्या हमें वास्तव में मित्रता निभानी आती है ?जो मित्र कष्ट ,चिंता ,हानि या संकट में आपके काम आए वही सच्चा मित्र है |विपत्ति में तो सच्चे मित्र की परख हो जाती है|आज ऐश्वर्यपूर्ण और वैभवशाली व्यक्ति के तो अनेकों मित्र बन जाते हैं |कहा भी है ,
“कहीं तुम्हारा स्वार्थ लगा है ,कहीं लोभ है मित्र बना |
कहीं प्रतिष्ठा ,कहीं रूप है ,मित्र के रंग में रंगा हुआ ||”

अत:हमें सच्चे मित्र के गुण अपनाने चाहिए जिसमें दिखावा न होकर दिल से मित्रता हो |

संगीता जिंदल

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